Ankita Bhandari Murder Case: वादियों में दफन चीख़...अंकिता को मिला इंसाफ...लेकिन अब भी अनसुलझी है कई पहेलियां
रांची/डेस्क – 19 वर्षीय अंकिता भंडारी हत्याकांड में कोटद्वार की अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने शुक्रवार को दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। दोषी पाए गए हैं: वनंतरा रिजॉर्ट का मालिक पुलकित आर्य मैनेजर सौरभ भास्कर और असिस्टेंट मैनेजर अंकित गुप्ता। यह फैसला एक ऐसे मामले में आया है जिसने 2022 में पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था।
हत्या का भयावह घटनाक्रम
अंकिता भंडारी 18-19 सितंबर 2022 के बीच लापता हुई थी। 24 सितंबर को उसकी लाश चिल्ला पावर हाउस के पास शक्ति नहर से बरामद की गई थी। जांच में सामने आया कि रिजॉर्ट में काम करने के दौरान अंकिता पर VIP ग्राहकों को स्पेशल सर्विस देने का दबाव डाला जा रहा था। यह जानकारी उसकी वॉट्सऐप चैट्स से सामने आई जिनमें उसने अपने दोस्त पुष्पदीप को लिखा था—“मैं गरीब हो सकती हूं लेकिन 10 हजार रुपये के लिए खुद को बेचूंगी नहीं।”
रिजॉर्ट में अंकिता एकमात्र महिला कर्मचारी थी। ज्यादातर कमरे खाली रहते थे और गेस्ट भी कम आते थे। यही नहीं पुलकित आर्य ने अंकिता को जानबूझकर अपने इंटरकनेक्टेड कमरे में शिफ्ट करवाया था और एक रात शराब पीकर उसके कमरे में घुस आया उसे जबरन गले लगाने की कोशिश की। अगली सुबह उसने माफी मांगी लेकिन कुछ ही दिनों बाद वह विवाद घातक मोड़ पर पहुंचा।
आरोपियों का कबूलनामा
पुलिस पूछताछ में आरोपी सौरभ ने बताया कि अंकिता बार-बार उनके गलत कामों का विरोध करती थी और साथियों को भी इन बातों की जानकारी देती थी। इसी कारण 18 सितंबर की रात तीनों आरोपियों ने गुस्से में आकर अंकिता को शक्ति नहर में धक्का दे दिया।
सरकार की पैरवी और जांच
उत्तराखंड सरकार ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए एसआईटी गठित की थी जिसकी अगुवाई एक महिला अधिकारी ने की। अभियोजन अधिकारी की नियुक्ति से लेकर फास्ट-ट्रैक सुनवाई तक सरकार ने दावा किया कि इस मामले में तेज़ और निष्पक्ष न्याय दिलाने के लिए हरसंभव प्रयास किए गए। हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी की जांच को संतोषजनक माना और सीबीआई जांच की याचिका को खारिज कर दिया।
अभी भी बाकी हैं कई सवाल
हालांकि कोर्ट ने दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाकर एक बड़ा कदम उठाया है लेकिन कई अहम सवाल अब भी अनुत्तरित हैं:
VIP ग्राहकों को दी जाने वाली स्पेशल सर्विस का असली सच क्या था?
क्या किसी प्रभावशाली व्यक्ति का नाम इस कड़ी में छिपा है?
क्या रिजॉर्ट में पहले भी इस तरह के शोषण के मामले सामने आए थे लेकिन उन्हें दबा दिया गया?
पीड़ित परिवार की मांग
अंकिता के परिवार का कहना है कि उन्हें फैसले से कुछ हद तक राहत मिली है लेकिन वे अब भी इस बात पर अड़े हैं कि मामले की जांच गहराई से होनी चाहिए ताकि हर जिम्मेदार व्यक्ति को सजा मिले। उनकी मांग है कि VIP नेटवर्क का पर्दाफाश हो और भविष्य में किसी और अंकिता के साथ ऐसा न हो।

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