अंदरुनी चुनौतियों से जूझ रही है पार्टी जनहित पर राजनीतिक महात्वाकांक्षा हावी... केजरीवाल को क्या-क्या उलाहना देकर कैलाश गहलोत ने छोड़ी आम आदमी पार्टी
दिल्ली में विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका देते हुए दिग्गज नेता और परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने राज्य सरकार और अरविंद केजरीवाल से पल्ला झाड़ लिया है. गहलोत ने मंत्री पद का इस्तीफा मुख्यमंत्री आतिशी को सौंपा और संयोजक केजरीवाल को लिखे पत्र में पार्टी छोड़ने की घोषणा की.
अरविंद केजरीवाल को लिखे आम आदमी पार्टी से त्याग पत्र में कैलाश गहलोत ने जो मुद्दे उठाए हैं उससे साफ है कि वह फिलहाल राजनीति से किनारा नहीं कर रहे हैं. साथ ही आगामी चुनाव में वह आम आदमी पार्टी और सरकार दोनों के लिए मुश्किलें बढ़ाने वाले हैं. आइए जानने की कोशिश करते हैं कि कैलाश गहलोत इस्तीफे के बाद कहां जा सकते हैं? साथ ही उनके साथ छोड़ने से दिल्ली में आम आदमी पार्टी को कितना नुकसान होगा?
कैलाश गहलोत के भारतीय जनता पार्टी में जाने की अटकलें तेज
दिल्ली सरकार में परिवहन मंत्री और नजफगढ़ विधानसभा सीट से दो बार के विधायक कैलाश गहलोत के मंत्री पद और आम आदमी पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा देते ही उनके भारतीय जनता पार्टी में जाने की अटकलें तेज हो गई हैं. हालांकि दिल्ली में दो महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी को बहुत बड़ा झटका देने वाले कैलाश गहलोत ने एक इंटरव्यू में कहा है कि उनके पास भाजपा की ओर से ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं आया है.
कैलाश गहलोत और वीरेंद्र सचदेवा का फिलहाल गोलमोल जवाब
दूसरी ओर भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने भी कैलाश गहलोत के भाजपा में आने से जुड़े सवाल पर फिलहाल गोलमोल जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि कैलाश गहलोत की ओर से भाजपा के पास ऐसा कोई संदेश फिलहाल नहीं आया है. हालांकि नेताओं के आपसी संपर्क को लेकर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. इसके बावजूद माना जा रहा है कि कैलाश गहलोत भाजपा के संपर्क में हैं.
लोकसभा चुनाव के बाद से ही कैलाश गहलोत को लेकर कयास
लोकसभा चुनाव के बाद से ही कैलाश गहलोत को लेकर इस तरह के कयास लगाए जा रहे थे कि वह आप आलाकमान से नाखुश हैं. भ्रष्टाचार के मामले में जमानत पर जेल से छूटने के बाद अरविंद केजरीवाल के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के बाद वरिष्ठ और अनुभवी नेता होने के बावजूद सीएम की रेस में उनका नाम पिछड़ने के बाद इन कयासों को और ज्यादा मजबूती मिलने लगी थी. सोशल मीडिया पर भी इस तरह की चर्चा शुरू हो गई थी कि गहलोत आप को छोड़ सकते हैं.
इस्तीफा देने से महज 24 घंटा पहले कैलाश गहलोत ने दिए तोहफे
दिल्ली के कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा देने से महज 24 घंटा पहले कैलाश गहलोत ने प्रदेश और अपने विधानसभा की जनता को कई बड़ी सौगातें दी. उन्होंने शनिवार को नजफ़गढ़ से झज्झर- बादली (हरियाणा) अंतर्राज्यीय ई-बस सेवा की शुरुआत की. इसके अलावा अंतर्राज्यीय रूट बहादुरगढ़-नजफ़गढ़- गुरुग्राम पर डीटीसी इलेक्ट्रिक बस सेवा की शुरुआत की. उन्होंने नजफगढ़ के मित्राऊं गांव में दिल्ली के सबसे बड़े चार कुश्ती मैट एयर कंडिशन हॉल और स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स का भी उद्घाटन किया. इसे उनकी चुनाव पूर्व तैयारियों से जोड़कर देखा जा रहा है.
जनता के प्रति प्रतिबद्धता के बजाय राजनीति हावी सारे वादे अधूरे
दूसरी ओर अरविंद केजरीवाल को लिखे पत्र में उन्होंने साफ तौर पर कहा ...मैं आपसे यह कहना चाहता हूं कि आम आदमी पार्टी को आज भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. जनता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता के बजाय राजनीति हावी हो गई है. कई सारे वादे अधूरे हैं. जैसे कि यमुना नदी जिसे साफ़ करने का वादा किया गया था. अब यमुना नदी पहले से भी ज़्यादा प्रदूषित है. इसके अलावा कई शर्मनाक़ विवाद भी रहे हैं. जैसे कि शीशमहल विवाद जिसने आम आदमी पार्टी पर विश्वास करने वाले गर किसी के मन में संदेह पैदा कर दिया.”
आप की सरकार दिल्ली के सही विकास को आगे नहीं बढ़ा सकती...
कैलाश गहलोत ने लिखा “एक बात दुखद बात यह भी है कि जनता के मुद्दों पर लड़ने के बजाय हम केवल राजनीतिक एजेंडे पर लड़ रहे हैं. अब यह साफ़ है कि अपना ज़्यादातर समय केंद्र सरकार से लड़ते हुए बिताने पर आम आदमी पार्टी सरकार दिल्ली के सही विकास को आगे नहीं बढ़ा सकती. मैंने अपना राजनीतिक करियर दिल्ली की जनता की सेवा की प्रतिबद्धता के साथ शुरू किया था और मैं इसे जारी रखना चाहता हूं. इसीलिए मुझे यह लगता है कि आम आदमी पार्टी से दूर होना ही आखिरी रास्ता है