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झारखंड विधानसभा में गूंजा अडानी पावर का मामला... प्रदीप यादव ने स्थानीय हितों की अनदेखी का लगाया आरोप

झारखंड के गोड्डा जिले में अडानी पावर लिमिटेड द्वारा स्थापित पावर प्लांट को लेकर हाल ही में विधानसभा में कई गंभीर मुद्दे उठाए गए हैं। प्रदीप यादव ने इस संदर्भ में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव प्रस्तुत किया जिसमें भूमि अधिग्रहण ऊर्जा नीति का उल्लंघन कोयला आपूर्ति और स्थानीय हितों की अनदेखी से जुड़े आरोप लगाए गए हैं।

प्रदीप यादव ने यह आरोप लगाया कि अडानी पावर द्वारा भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में अनियमितताएँ हुई हैं। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि भूमि अधिग्रहण का सही तरीके से होना आवश्यक है ताकि स्थानीय समुदायों के अधिकारों का सम्मान किया जा सके। यदि भूमि अधिग्रहण नियमों का पालन नहीं किया गया है तो इससे स्थानीय लोगों की आजीविका पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।ऊर्जा नीति का उल्लंघन

यादव ने यह भी कहा कि अडानी पावर द्वारा राज्य की ऊर्जा नीति का उल्लंघन किया गया है। ऊर्जा नीति आमतौर पर यह सुनिश्चित करती है कि बिजली उत्पादन और वितरण प्रक्रिया पारदर्शी और न्यायसंगत हो। यदि कोई कंपनी इन नीतियों का पालन नहीं करती है तो इससे राज्य की ऊर्जा सुरक्षा प्रभावित हो सकती है।

कोयला आपूर्ति एक अन्य महत्वपूर्ण मुद्दा था जिसे उठाया गया। अडानी पावर को कोयले की निरंतर और पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करनी होती है ताकि बिजली उत्पादन बाधित न हो। यदि कोयला आपूर्ति में कोई समस्या आती है तो इसका सीधा असर बिजली उत्पादन पर पड़ेगा और इससे उपभोक्ताओं को परेशानी होगी।

अंततः प्रदीप यादव ने स्थानीय हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाया। 

इन सभी मुद्दों पर चर्चा करते हुए सतीश पाल मुंजनी ने भी समर्थन जताया कि केंद्र सरकार इन समस्याओं की अनदेखी कर रही है। यह स्पष्ट होता है कि अडानी पावर लिमिटेड के संचालन से संबंधित कई गंभीर चिंताएँ हैं जिन्हें संबोधित करने की आवश्यकता है।

 

 

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