Bihar Cabinet 2025: सम्राट चौधरी बने बिहार के नए गृह मंत्री — पहली बार भाजपा विधायक के हाथ में होम पोर्टफोलियो
बिहार में नीतीश सरकार (2025) ने मंत्रियों के विभागों का आधिकारिक बंटवारा कर दिया है। इस बार सबसे बड़ा और राजनीतिक रूप से सबसे संवेदनशील बदलाव यह है कि सम्राट चौधरी को गृह विभाग सौंप दिया गया है।
यह पहली बार है जब 2005 से सत्ता में हिस्सेदारी रखने वाली भाजपा का कोई विधायक गृह मंत्री बना है — इसलिए इसे भाजपा के लिए “सत्ता में सबसे बड़ी भूमिका” माना जा रहा है।
सम्राट चौधरी को सिर्फ गृह विभाग क्यों?
अन्य मंत्रियों, जैसे डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा और नितिन नवीन को दो-दो विभाग मिले हैं,
लेकिन सम्राट चौधरी को केवल एक—गृह विभाग— दिया गया है।
यह दर्शाता है कि:
भाजपा इस विभाग को लेकर अत्यंत सतर्क है
कानून-व्यवस्था पर फोकस बढ़ाने की रणनीति है
विपक्ष द्वारा वर्षों से लगते “जंगलराज” के आरोपों का जवाब कानून-व्यवस्था में सुधार से देना चाहती है
गृह मंत्री के रूप में सम्राट चौधरी के प्रमुख अधिकार
सम्राट चौधरी के पास अब बिहार की कानून-व्यवस्था पर लगभग पूर्ण नियंत्रण होगा:
✔ कानून-व्यवस्था पर सीधा अधिकार
✔ सिपाही से लेकर DGP तक पदस्थापन और जिम्मेदारी तय करना
✔ IPS अधिकारियों के तबादले का अधिकार
✔ जेल प्रबंधन एवं सुधार की निगरानी
✔ VIP सुरक्षा की मंजूरी
✔ इंटेलिजेंस ब्यूरो (राज्य) पर पूरा नियंत्रण
✔ जिलाधिकारी-कमिश्नर पर आंशिक नियंत्रण
✔ कानून बनाने व संशोधन प्रस्ताव तैयार कराना
कुल मिलाकर, बिहार प्रशासन की रीढ़ अब उनके पास है।
राजनीतिक जानकार क्या कहते हैं?
विश्लेषकों का मानना है:
भाजपा को “प्रेस्टिज” कम और जवाबदेही ज्यादा मिली है
यह कदम संदेश देता है कि नई सरकार का एजेंडा
“कानून का राज”, “नो टॉलरेंस ऑन क्राइम-करप्शन”
होगा
सम्राट चौधरी के पास विभाग सीमित इसलिए रखे गए ताकि वे होम मिनिस्ट्री पर पूरी तरह फोकस करें
भाजपा के मंत्रियों को मिला बड़ा हिस्सा
2025 के विभागीय बंटवारे में:
भाजपा के 14 मंत्रियों को कुल 21 विभाग
सम्राट चौधरी – उपमुख्यमंत्री + गृह मंत्री
यह भी चर्चा है कि अमित शाह के चुनावी बयान
“सम्राट को बड़ा नेता बनाएंगे”
का प्रभाव इस फैसले में साफ दिखता है।
पिछली सरकार में सम्राट चौधरी के पास
वित्त और वाणिज्यकर विभाग थे, लेकिन यह पोर्टफोलियो उनसे कहीं अधिक शक्तिशाली माना जा रहा है।
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