झारखंड विधानसभा का बजट सत्र का सातवां दिन आज... सीएम हेमंत ने की केंद्र सरकार से 1.36 लाख करोड़ बकाया राशि की मांग... विपक्ष और सत्तापक्ष ने कोयला के मुद्दे पर रखी बात
झारखंड विधानसभा में बजट सत्र चल रहा है और बजट सत्र के आज सातवें दिन सदन की कार्रवाई शुरू होने से पहले झारखंड कोयला बकाया राशि का मुद्दा सबसे गर्म देखने को मिला. बता दें कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गिरिडीह में झारखंड मुक्ति मोर्चा के 52वें स्थापना दिवस पर केंद्र सरकार से बकाया राशि की मांग की. वहीं इस गंभीर मुद्दे को लेकर के आज सदन के बाहर सत्ता पक्ष और विपक्ष कोयला पर आरोप प्रत्यारोप करते हुए दिखे.
झारखंड सरकार मंत्री दीपिका पांडे सिंह ने कहा कि मजदूरों का पैसा चार साल से बकाया है.. इसकी क्या वजह होगी. और जब हम केंद्र सरकार के सामने इस मुद्दे को रखते है तो भाजपा का भम्र फैलाने वाला तंत्र और अफवाह फैलाने वाला तंत्र सक्रिय हो जाता है.
तो वहीं झारखंड सरकार मंत्री रामदास सोरेन ने कहा कि हमारे राज्य का रॉयलटी केंद्र सरकार नहीं देती है तो हम राज्य कैसे चलाएंगे. इसको लेकर हमारे मंत्रियों ने केंद्र सरकार को अवगत कराया है लेकिन केंद्र सरकार ने हमारे बातों को नजरअंदाज कर दिया.
इस पर झारखंड सरकार मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि हमारे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और हमारी गठबंधन की सरकार काफी गंभार है इस मुद्दे को लेकर. आगे कहा कि इस बजट में सब ने देखा कि कैसे हमने आम जनता पर कोई भार नहीं दिया है बल्कि कल्याणकारी योजनाओं को लाने का काम किया है. ऐसे हालात में जो राज्य का रेवेन्यू है इसको बढ़ाने की आवश्यकता है. और यही कारण है जो हमारे राज्य का बकाया राशि है. जो अधिकार है इस राज्य का उसका भुगतान करें. कोयला लेकर जा रहें तो उसका बकाया का भुगतान करें. नहीं तो कानूनी प्रक्रिया का सहारा लेना होगा अगर फिर भी नहीं सुना हमारा तो मुख्यमंत्री ने जो कहा वहीं होगा... राज्य से कोयला सप्लाई ही बंद कर दिया जाएगा.
इस पर भाजपा विधायक नवीन जायसवाल ने कहा कि इसमें केंद्र सरकार की कोई भूमिका नहीं है. अगर राज्य सरकार को ऐसा लग रहा है तो वे सी.सी.एल के पास जाएं हाईकोर्ट के पास जाएं या सुप्रीम कोर्ट के पास जाएं. पर नहीं इस सरकार को राजनीति करना है.
वहीं इस पर भाजपा विधायक आलोक चौरसिया ने राज्य सरकार को घेरते हुए कहा कि सरकार के पास कुछ बचा नहीं है. जबसे ये सरकरा बनी है राज्य में तभी से सरकार ने राज्य को लूटने का ही काम किया है. पिछले पांच साल झारखंड भ्रष्टाचार में लिप्त था. और आगे आने वाले पांच साल भी झारखंड भ्रष्टाचार में लिप्त होगा.
डेस्क से आयुषिका वर्मा का रिपोर्ट

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