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International Arms Syndicate: दिल्ली पुलिस ने पकड़ा ISI समर्थित इंटरनेशनल हथियार सिंडिकेट, चार तस्कर गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच (Crime Branch) ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI समर्थित एक अंतरराष्ट्रीय हथियार सिंडिकेट (International Arms Network) से जुड़े चार तस्करों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह पाकिस्तान से ड्रोन (Drone Delivery) के जरिए तुर्किये और चीन निर्मित अत्याधुनिक पिस्टल (Advanced Pistols) एवं कारतूस देश के कुख्यात गैंग्स्टरों (Gangsters) को सप्लाई कर रहा था।

विदेशी हथियार बरामद (Foreign Weapons Seized)

क्राइम ब्रांच ने इनके कब्जे से तुर्किये (Turkey-Made PX-5.7) निर्मित तीन और चीन (China-Made PX-3) निर्मित पांच पिस्टल समेत कुल 10 सेमी-ऑटोमैटिक पिस्टल (Semi-Automatic Pistols), 92 कारतूस और पंजाब नंबर की स्विफ्ट डिज़ायर (Swift Dzire Car) जब्त की है।
तुरकिये में बनी ये पिस्टल वहां की स्पेशल फोर्स (Special Forces) द्वारा इस्तेमाल की जाती हैं।

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान (Accused Identified)

डीसीपी क्राइम ब्रांच संजीव कुमार यादव के अनुसार, गिरफ्तार तस्करों के नाम—

मंदीप सिंह (Jalandhar, Punjab)

दलविंदर कुमार (Jalandhar, Punjab)

रोहन तोमर (Baghpat, UP)

अजय उर्फ मोनू (Baghpat, UP)

यह मॉड्यूल पाकिस्तान की सीक्रेट एजेंसी (Pakistani Secret Agency) ISI समर्थित है और गैंगस्टर सोनू खत्री उर्फ राजेश कुमार (Notorious Gangster Network) से जुड़ा हुआ है।

कैसे पकड़ा गया पूरा मॉड्यूल (How The Module Was Busted)

19 नवंबर को क्राइम ब्रांच को सूचना (Intel Input) मिली कि यह मॉड्यूल एनसीआर में विदेशी हथियारों की सप्लाई (Arms Supply) करने वाला है।
सूचना विकसित होने पर पता चला कि सिंडिकेट के सदस्य रोहिणी (Rohini Sector-28) के पास डिलीवरी के लिए पहुंचेंगे।

पुलिस टीम ने खाटू श्याम मंदिर रोड (Khatu Shyam Mandir Road) के पास एक स्विफ्ट डिज़ायर कार रोकी और उसमें बैठे दो तस्कर—मंदीप सिंह और दलविंदर कुमार—को गिरफ्तार कर लिया।

कार के स्पीकर बॉक्स में छुपाकर रखे गए बैग से 8 विदेशी पिस्टल और 84 कारतूस (0.30 bore ammunition) बरामद किए गए।

पूछताछ में खुलासा हुआ कि ये दोनों पाकिस्तानी हैंडलर्स (Pakistani Handlers) से संपर्क में थे और पूरे भारत के बड़े गिरोहों को हथियार सप्लाई करते थे।

बिचौलियों की गिरफ्तारी (Middlemen Arrested)

इनसे पूछताछ में मिले इनपुट (Interrogation Input) पर बागपत से दो और बिचौलिए—

रोहन तोमर

अजय उर्फ मोनू

को पकड़ा गया। उनकी निशानदेही पर दो और पिस्टल व 8 कारतूस बरामद किए गए।

हथियार तस्करी का पूरा तरीका (Modus Operandi)

यह मॉड्यूल ड्रोन (Cross-Border Drone Drops) की मदद से पाकिस्तान-भारत सीमा पर हथियार गिरवाता था।

कैसे होती थी स्मगलिंग (Smuggling Method)

पाकिस्तान में बैठे तस्कर कस्टमाइज्ड कमर्शियल ड्रोन (Customized Commercial Drones) का इस्तेमाल करते थे।

देर रात कम ऊँचाई पर उड़ाकर (Low Altitude Flying) ड्रोन राडार से बच जाते थे।

जीपीएस लोकेशन (GPS Coordinates) पर कंसाइनमेंट गिराया जाता था।

भारत की तरफ से स्थानीय अपराधी (Local Criminal Receivers) इस कंसाइनमेंट को उठाते थे।

पूरी को-ऑर्डिनेशन एन्क्रिप्टेड चैट (Encrypted Communication Apps) के माध्यम से होती थी।

भुगतान हवाला (Hawala Network) या प्रॉक्सी अकाउंट से किया जाता था।

हथियार को कोरस कार्बन पेपर (Carbon Paper Wrap) में लपेटा जाता था, ताकि चेकिंग में पकड़ में न आए।

गिरफ्तार आरोपियों का क्रिमिनल बैकग्राउंड (Criminal Background of Accused)

मंदीप और दलविंदर बचपन के दोस्त हैं। जसप्रीत उर्फ जस के कहने पर हथियार तस्करी में शामिल हुए।

जसप्रीत, गैंगस्टर सोनू खत्री का करीबी साथी है और ISI समर्थित हथियार तस्करों से जुड़ा है।

रोहन तोमर

गैंगस्टर अनिल बालियान और संजीव जीवा ग्रुप (Gang Links) से जुड़ा रहा।

दिल्ली, हरियाणा, यूपी में गोगी, हिमांशु भाऊ और कपिल सांगवान गिरोह को विदेशी हथियार सप्लाई करता था।

इसके खिलाफ कई केस दर्ज हैं, जिनमें Arms Act और Attempt to Murder शामिल हैं।

अजय उर्फ मोनू

अनिल बालियान गैंग के लिए हथियार लाता था।

चोरी और अवैध हथियारों के कई केस दर्ज हैं।

ISI से कनेक्शन (ISI Connection)

इस पूरे नेटवर्क को पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) से सपोर्ट मिलता था।
हथियार पाकिस्तान से आते थे, ड्रोन द्वारा सीमाई क्षेत्रों में गिराए जाते और भारत में फैले गिरोहों को सप्लाई किए जाते थे।

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