Encounter In Bihar: बेगूसराय में कुख्यात अपराधी का एनकाउंटर, सम्राट चौधरी को गृह विभाग मिलते ही शुरू हुई सख्त कार्रवाई
Bihar News: बिहार में मंत्रियों के बीच विभागों के बंटवारे के बाद राज्य के गृह विभाग की बागडोर जैसे ही उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के हाथों में आई, अपराधियों पर पुलिस-प्रशासन की सख्ती तुरंत दिखाई देने लगी। शुक्रवार देर रात बेगूसराय में कुख्यात अपराधी शिवदत्त राय का एनकाउंटर किया गया। यह कार्रवाई एसटीएफ और जिला पुलिस की संयुक्त टीम ने की।
हथियार खरीदने गया था कुख्यात शिवदत्त राय
सूत्रों के अनुसार, एसटीएफ को गुप्त जानकारी मिली थी कि साहेबपुर कमाल थाना क्षेत्र के मल्हीपुर गांव में कुख्यात अपराधी शिवदत्त राय हथियार खरीदने आने वाला है। सूचना मिलते ही एसटीएफ और स्थानीय पुलिस वहां पहुंच गई।
करीब 2 बाइक पर सवार 6 अपराधियों ने पुलिस को देखते ही गोलीबारी शुरू कर दी। आत्मरक्षा में पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की, जिसमें शिवदत्त राय की जांघ में गोली लगी और वह घायल होकर गिर पड़ा। बाकी अपराधी मौके से फरार हो गए।
भारी मात्रा में हथियार और कफ सिरप बरामद
पूछताछ के आधार पर पुलिस ने एक घर से बड़ी संख्या में हथियार, नकदी और कफ सिरप बरामद किया। बताया गया कि शिवदत्त राय पर पहले से ही कई गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
गृह विभाग मिलने के बाद शुरू हुई कड़ी कार्रवाई
इस बार गृह विभाग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से हटकर भाजपा के वरिष्ठ नेता और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को दिया गया है। लगभग 20 वर्षों तक यह विभाग नीतीश कुमार अपने पास रखते थे। 1967 और 1971 के बाद 2025 में तीसरी बार ऐसा हुआ है जब बिहार में गृह विभाग मुख्यमंत्री के पास नहीं है।
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, सम्राट चौधरी के पास गृह विभाग आने का मतलब है कि भाजपा राज्य में कानून व्यवस्था को अपनी प्राथमिकता के रूप में स्थापित करना चाहती है। यही कारण है कि विभाग संभालते ही पुलिस-प्रशासन की कार्रवाई तेज हो गई।
बिहार में ‘यूपी मॉडल’ की चर्चा
गृह विभाग मिलने के बाद भाजपा समर्थकों में इसे ‘यूपी मॉडल’ की दिशा में एक कदम के रूप में देखा जा रहा है—
अपराधियों पर त्वरित एक्शन
बड़े गैंग पर शिकंजा
पुलिस-प्रशासन को मुक्त हाथ
बुलडोजर मॉडल की भी चर्चा
अब सबकी निगाह इस बात पर है कि सम्राट चौधरी कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर कैसा प्रदर्शन करते हैं और क्या वे नीतीश कुमार द्वारा बनाई गई छवि को आगे बढ़ा पाएंगे या नहीं।
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