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ऐसा क्या हुआ कि कांग्रेस के बड़े नेता नहीं पहुंचे लालू यादव के दावत-ए-इफ्तार में...

रामजान का पाक महिना चल रहा है. इस दौरान कई बड़े-बड़े नेता अपने यहां दावत-ए-इफ्तार का आयोजन कर रहें इसी क्रम में 23 मार्च को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इफ्तार पार्टी का आयोजन किया था जिसके एक दिन बाद राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने भी इफ्तार पार्टी दी. जिसमें राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खां सहित बड़ी संख्या में रोजेदार शामिल हुए. वहीं लालू प्रसाद यादव की दावत-ए-इफ्तार में कांग्रेस के बड़े नेताओं की गैरमौजूदगी ने राजनीतिक हलकों में चर्चा को माहौल बना दिया है. जिससे यह सवाल उठने लगा कि क्या आरजेडी और कांग्रेस के बीच संबंधों में कोई तनाव चल रहा है.

कांग्रेस नेताओं की अनुपस्थिति ने विपक्षी एकता पर सवाल खड़े कर दिए हैं खासकर आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए यह विषय चर्चा का मुद्दा बन गया है. अगर यह दूरी बढ़ती है तो इसका असर महागठबंधन की स्थिरता और आगामी चुनावी रणनीतियों पर पड़ सकता है.

कांग्रेस नेताओं का इस कार्यक्रम से दूर रहना शायद उनके असंतोष या अलग रुख को दर्शाने का प्रयास हो सकता है. हालांकि पिछले कुछ समय से दोनों दलों के बीच सीट बंटवारे और अन्य मुद्दों पर असहमति की खबरें सामने आई हैं. अब देखना होगा कि इस पर दोनों ही पार्टियां क्या कहती है.

वहीं इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए जदयू एमएलसी और प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि “इफ्तार की शान गई जब साथी कन्नी काट गए. कांग्रेस भी अब दूर खड़ी रिश्ते सारे टूट गए. लालू यादव ने इफ्तार की दावत तो दी मगर कांग्रेस ने तो आकर भी न देखा. ना सहयोगी ना परिवार कोई आपके कर्मों का भागीदार बनने को तैयार नहीं. किया पाप जब सिर चढ़ बोला साथी सारे छोड़ गए. बेटा भी अब दूर खड़ा है पोस्टर से भी नाम गए.”

डेस्क से आयुषिका की रिपोर्ट

 

 

 

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