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Fast Charging: बैटरी को राहत या नुकसान? जानिए पूरी सच्चाई

नई दिल्ली: आज के समय में स्मार्टफोन केवल जरूरत नहीं, बल्कि जीवनशैली का अहम हिस्सा बन चुका है। ऐसे में हर कोई चाहता है कि उसका फोन जल्दी चार्ज हो जाए और लंबे समय तक चले। इसी जरूरत को देखते हुए मोबाइल कंपनियां अब फास्ट चार्जिंग (Fast Charging) का फीचर दे रही हैं। कई कंपनियां दावा करती हैं कि उनके स्मार्टफोन सिर्फ 10 मिनट में 50% या 15 मिनट में फुल चार्ज हो जाते हैं। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या इतनी तेज़ चार्जिंग से बैटरी को नुकसान तो नहीं होता?

कैसे काम करती है फास्ट चार्जिंग?

फास्ट चार्जिंग तकनीक पारंपरिक चार्जिंग की तुलना में ज्यादा वोल्टेज और करंट के जरिए बैटरी को पावर देती है। नतीजतन, बैटरी तेजी से चार्ज होती है और फोन कम समय में इस्तेमाल के लिए तैयार हो जाता है। यही कारण है कि आज के आधुनिक स्मार्टफोन्स 10-15 मिनट में आधे से ज्यादा चार्ज हो जाते हैं। हालांकि, इस प्रक्रिया में बैटरी तेजी से गर्म भी होती है।

क्या फास्ट चार्जिंग बैटरी को नुकसान पहुंचाती है?

जब भी बैटरी चार्ज होती है, तो उसमें कुछ मात्रा में हीट (गर्मी) पैदा होती है। फास्ट चार्जिंग में यह हीट अधिक होती है क्योंकि बैटरी पर लोड भी ज्यादा पड़ता है।
हर लिथियम-आयन बैटरी की एक सीमित चार्जिंग साइकिल होती है — यानी कितनी बार उसे चार्ज और डिस्चार्ज किया जा सकता है। फास्ट चार्जिंग के कारण यह साइकिल तेजी से खत्म होती है, जिससे बैटरी की लाइफ स्पैन घटने लगता है। परिणामस्वरूप, समय के साथ फोन का बैकअप कम होने लगता है।

क्या फास्ट चार्जिंग का इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए?

ऐसा बिल्कुल नहीं है कि फास्ट चार्जिंग हमेशा हानिकारक हो। आज के स्मार्टफोन्स में कंपनियां बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम (BMS) और थर्मल कंट्रोल टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करती हैं, जिससे बैटरी पर ज्यादा लोड नहीं पड़ता और तापमान नियंत्रित रहता है। इसलिए फास्ट चार्जिंग होने के बावजूद बैटरी जल्दी खराब नहीं होती।

बैटरी की लाइफ बढ़ाने के कुछ आसान टिप्स:

दिन में बार-बार फास्ट चार्जिंग का उपयोग न करें।

चार्जिंग के दौरान फोन को ज़्यादा गर्म न होने दें।

बैटरी को पूरी तरह 0% या 100% तक न रखें — 20% से 80% के बीच चार्ज रखना बेहतर होता है।

अगर जल्दी नहीं है, तो नॉर्मल चार्जर से चार्ज करें।

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