दुर्ग‑भिलाई: बेटे को जेल से छुड़ाने के नाम पर महिला से यौन दबाव, प्राइवेट पार्ट छूने के आरोप में आरक्षक बर्खास्त
छत्तीसगढ़ के दुर्ग‑भिलाई इलाके से एक गंभीर जबरदस्त क्राइम रिपोर्ट सामने आई है। पुरानी भिलाई थाना में तैनात आरक्षक अरविंद मेढ़े को एक महिला के साथ यौन उत्पीड़न और गैरकानूनी तरीके से उसके प्राइवेट पार्ट में हाथ डालने के आरोप में बर्खास्त कर दिया गया है। मामले में एफआईआर भी दर्ज की गई है।
पीड़िता ने शिकायत में कहा कि उसका नाबालिग बेटा पॉक्सो एक्ट के तहत बाल संप्रेषण गृह में बंद था। इसी कारण वह बेटे की मदद के लिए आरोपी आरक्षक से संपर्क में आई थी।
आरोपी आरक्षक ने बेटे को जेल से छुड़ाने में मदद करने के नाम पर महिला से शारीरिक और यौन संबंध बनाने का दबाव डाला, जिससे महिला डर गई।
जब महिला ने मना करते हुए कहा कि “मेरे पीरियड चल रहे हैं”, तब भी आरोपी ने उसके प्राइवेट पार्ट को छूने की कोशिश की। महिला ने इस बात का भी ज़िक्र अपनी शिकायत में किया।
महिला ने यह पूरा मामला लिखित शिकायत के रूप में स्थानीय पुलिस और वरिष्ठ अधिकारियों को सौंपा, जिसके बाद आरक्षक को पहले निलंबित किया गया और जांच के बाद बर्खास्त कर दिया गया।
प्रशासन की कार्रवाई
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपी आरक्षक को तुरंत स्थान से हटाया और बर्खास्त कर दिया।
बजरंग दल जैसे संगठनों ने भी थाने के बाहर प्रदर्शन किया और आरोपी की गिरफ्तारी की मांग की थी।
घटना की जांच और मेडिकल परीक्षण के बाद ही एफआईआर दर्ज की गई है। अधिकारियों ने कहा है कि पुलिस विभाग में किसी भी तरह के यौन दुराचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
विशेषज्ञों की राय क्राइम विश्लेषकों का कहना है कि इस तरह के मामलों में सरकारी अधिकारियों की भूमिका और भरोसा बहुत महत्वपूर्ण होता है। जब वही व्यक्ति दबाव और यौन शोषण के लिए स्थिति का फायदा उठाता है, तो यह नागरिकों के लिए चिंता का विषय बन जाता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसे मामलों में तुरंत और सख्त कार्रवाई से ही पुनरावृत्ति को रोका जा सकता है।
Raftaar Media | सच के साथ