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लिंगानुपात में पिछले साल की तुलना में 9 अंक का आया उछाल

चंडीगढ़  ; हरियाणा सरकार की सख्ती के चलते अवैध गर्भपात करवाने वाली महिलाओं में कमी आई है। असर यह हुआ कि इस वर्ष पिछले वर्ष 2024 की तुलना में 23 प्रतिशत कम गर्भपात के मामले हुए हैं। हजारों बेटियों की जान बच गई जिसके कारण लड़कियों का लिंगानुपात भी गत वर्ष के 909 के मुकाबले इस वर्ष बढ़कर 918 तक जा पहुंचा है।

अवैध लिंगानुपात की जांच एवं गर्भपात को रोकने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा गठित स्पेशल टास्क फ़ोर्स की आज फिर साप्ताहिक समीक्षा बैठक आयोजित की गई जिसकी अध्यक्षता स्वास्थ्य विभाग के सचिव एवं नेशनल हेल्थ मिशन हरियाणा के मिशन डायरेक्टर  आर एस ढ़िल्लो ने की।

इस अवसर पर बैठक में स्वास्थ्य सेवाएं के महानिदेशक डॉ मनीष बंसल , डॉ कुलदीप सिंह , डॉ वीरेंद्र यादव ,डॉ सिम्मी वर्मा , डॉ परवीन बुरा , बेटी बचाओ -बेटी पढ़ाओ अभियान के नोडल ऑफिसर  जी.एल  सिंगल के अलावा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

नेशनल हेल्थ मिशन हरियाणा के मिशन डायरेक्टर  आर एस ढ़िल्लो ने राज्य में एमटीपी किट की अवैध बिक्री तथा पीएनडीटी के मामलों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि जिन जिलों में पिछले वर्ष के मुकाबले में इस वर्ष कम लिंगानुपात सामने आया है , उन जिलों के नोडल ऑफिसर अपने -अपने क्षेत्र में होने वाले अवैध लिंग जांच तथा उसके बाद होने वाले गर्भपात के मामलों पर नजर रखें। साथ ही उन्होंने गर्भपात के मामलों में रिवर्स ट्रैकिंग पर जोर देने की बात कही। उन्होंने अवैध एमटीपी तथा पीएनडीटी के कोर्ट केसों की मजबूती से पैरवी करने के भी निर्देश दिए।

 

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