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Prashant Kishor Press Conference: क्या राजनीति से संन्यास लेंगे प्रशांत किशोर? हार के बाद आए सामने, देखें क्या कुछ कहा

Prashant Kishor Press Conference: बिहार विधानसभा चुनाव में शून्य पर सिमटने के बाद जनसुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने मंगलवार को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हार की पूरी जिम्मेदारी अपने ऊपर ली। उन्होंने कहा कि जनता ने जनसुराज पर भरोसा नहीं किया और यह परिणाम उनकी कमियों का प्रतिबिंब है।

प्रशांत किशोर ने कहा, “हमसे जरूर कुछ गलती हुई है। जनता ने हमें नहीं चुना, हम उनका विश्वास नहीं जीत सके। यह हार पूरी तरह मेरी जिम्मेदारी है।” उन्होंने सभी विजेता उम्मीदवारों को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भाजपा को भी शुभकामनाएं दीं।

भितिहरवा गांधी आश्रम में मौन उपवास की घोषणा

अपनी असफलता को स्वीकारते हुए प्रशांत किशोर ने प्रायश्चित के रूप में भितिहरवा गांधी आश्रम में एक दिन का मौन उपवास रखने का ऐलान किया। उन्होंने जनसुराज के सभी साथियों से 24 घंटे उपवास में शामिल होने की अपील की।

“गलती की है, गुनाह नहीं”—PK

PK ने कहा कि उन्होंने राजनीति में कभी जातिगत ज़हर फैलाने या वोट खरीदने जैसी कोशिश नहीं की। उन्होंने महाभारत के उदाहरण का उल्लेख करते हुए कहा कि जनसुराज अभी संघर्ष में है और लड़ाई जारी रहेगी।

10 हजार रुपये वितरण पर बड़ा आरोप

प्रशांत किशोर ने NDA सरकार पर चुनाव से पहले बड़ी संख्या में महिलाओं व लाभुकों को 10 हजार रुपये बांटने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इसके बदले दो लाख रुपये देने का वादा किया गया।

उन्होंने सरकार को चुनौती देते हुए कहा, “अगर अगले छह महीने में 10 हजार पाने वाली महिलाओं को दो लाख रुपये दे दिए जाते हैं, तो मैं राजनीति छोड़ दूँगा।” इसके लिए उन्होंने एक शिकायत नंबर भी जारी किया, जिस पर लोग छह महीने बाद जानकारी दे सकेंगे।

“मैं जनसुराज में किसी पद पर नहीं, इसलिए सन्यास का सवाल ही नहीं”

पूर्व में जदयू के 25 सीट से अधिक आने पर राजनीति छोड़ने के अपने बयान पर उन्होंने कहा कि पार्टी में उनका कोई औपचारिक पद नहीं है, इसलिए सन्यास लेने जैसी स्थिति पैदा नहीं होती।

उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी और चुनाव परिणाम पर सवाल

PK ने दावा किया कि कई क्षेत्रों में ऐसे दलों को भारी वोट मिले जिनका प्रतीक चिह्न तक लोग नहीं जानते। उन्होंने उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी के उदाहरण के आधार पर चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठाए।

इमरान खान मॉडल का ज़िक्र

उन्होंने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का उदाहरण देते हुए कहा कि नई पार्टियों का शुरू में हारना असामान्य नहीं है, और जनसुराज अपने प्रयास जारी रखेगा।

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