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सुरक्षा व्यवस्था को मज़बूत करने के लिए एएनपीआर, चेहरे की पहचान वाले कैमरे और ड्रोन सुविधा का प्रबंध: डीजीपी गौरव यादव


नौवें पातशाह श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस को समर्पित विशाल समागमों के अवसर पर सुचारू और सुरक्षित प्रबंध सुनिश्चित करने के लिए पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने आज श्री आनंदपुर साहिब में व्यापक सुरक्षा, सुविधा तथा ट्रैफिक व्यवस्थाओं का जायज़ा लिया।

मीडिया को संबोधित करते हुए डीजीपी ने बताया कि उन्होंने सभी पर्यवेक्षण अधिकारियों को पेशेवरता, वचनबद्धता, करुणा और श्रद्धा के उच्चतम मानकों के साथ अपनी ड्यूटी निभाने के निर्देश दिए हैं। इस अवसर पर विशेष डीजीपी कानून-व्यवस्था अर्पित शुक्ला तथा विशेष डीजीपी इंटेलिजेंस प्रवीण सिन्हा भी उपस्थित थे।

23 से 25 नवंबर, 2025 तक श्री आनंदपुर साहिब में आयोजित होने वाले इन विशाल स्मारक समागमों में विश्वभर से लाखों श्रद्धालुओं के पहुँचने की संभावना है।

डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि वरिष्ठ रैंक के अधिकारियों की निगरानी में 8,000 से अधिक पुलिस कर्मियों की एक बड़ी फोर्स तैनात की गई है, ताकि आने वाले श्रद्धालुओं को सुरक्षा, सुचारू आवागमन और आरामदायक अनुभव सुनिश्चित किया जा सके।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सुरक्षा प्रबंध अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित हैं। शहर के सभी प्रवेश और निकास बिंदुओं पर ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन (एएनपीआर), पीटीजेड, चेहरे की पहचान वाले कैमरों के साथ ड्रोन निगरानी की व्यवस्था की गई है, जिसके लिए एक उच्च-तकनीकी कंट्रोल रूम स्थापित किया जा रहा है।

डीजीपी ने बताया कि पूरे क्षेत्र को योजनाबद्ध तरीके से 25 सेक्टरों में विभाजित किया गया है और प्रत्येक सेक्टर का अपना सब-कंट्रोल रूम और हेल्प डेस्क है, जिससे प्रबंधन कुशलतापूर्वक सुनिश्चित किया जा सके। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए व्यापक ट्रैफिक और लॉजिस्टिक्स योजनाएँ बनाई गई हैं, जिनमें सभी स्थलों और टेंट सिटीज़ तक 24x7 शटल सेवाएँ शामिल हैं। इसके अलावा संगत की सुचारू आवाजाही और ज़मीनी स्तर पर मज़बूत प्रबंधन के लिए स्मार्ट बैरिकेडिंग सिस्टम स्थापित किए जा रहे हैं।

श्रद्धालुओं के लिये निर्विघ्न ट्रैफिक प्रबंधन और न्यूनतम असुविधा के लिए जिला पुलिस ने आईआईटी रोपड़ के सहयोग से संगत के मार्गदर्शन और कुशल ट्रैफिक प्रबंधन के लिये पार्किंग ज़ोनों की रियल-टाइम डिजिटल मैपिंग की व्यवस्था की है। साथ ही देशभर से आने वाली संगत की सुविधा और उचित प्रबंधन बनाए रखने के लिए एडवांस्ड सर्विलांस ग्रिड, आधुनिक ट्रैफिक प्रबंधन और मज़बूत फील्ड निगरान प्रणाली पूर्णतः कार्यशील है।

डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि श्रद्धालुओं को एक सुचारू, सुरक्षित और आध्यात्मिक रूप से समृद्ध अनुभव प्रदान करने के लिए तकनीक-आधारित सुविधा प्रणालियाँ स्थापित की गई हैं, जिनमें समर्पित हेल्प डेस्क, जन-सुविधाएँ और रियल-टाइम मॉनिटरिंग डैशबोर्ड शामिल हैं। उन्होंने बताया कि व्यापक आपातकालीन योजनाएँ की भी व्यवस्था की गयी है, जिनमें संगत की आवाजाही, रिकवरी वैन, मोहल्ला क्लीनिक तथा रेफरल अस्पताल जैसी चिकित्सीय सेवाएँ शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि फोर्स की तैनाती को सुव्यवस्थित करने के लिए ब्रीफिंग में क्यू आर कोडों का उपयोग किया गया है और भीड़-भाड़ वाले और संवेदनशील स्थानों पर महिला पुलिस और विशेष सिविल कपड़ों में कर्मियों को भी तैनात किया गया है। उन्होंने कहा कि किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए रोपड़ जिले तथा आसपास के क्षेत्रों में सक्रिय स्नैचरों के डेटा को चेहरे की पहचान करने वाली प्रणाली के साथ जोड़ा गया है।

डीजीपी ने बताया कि सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को नागरिकों के अधिकारों का ध्यान रखते हुए समागम की पवित्रता बनाए रखने हेतु विनम्रता और सम्मान के साथ अपने कर्तव्य निभाने के निर्देश दिए गए हैं।

डीजीपी गौरव यादव ने रूपनगर जिले में रोपड़ पुलिस लाइन में ऑडिटोरियम, नवीनीकृत जिओ मैस और थाना सिंह भगवंतपुर का उद्घाटन भी किया।

इस अवसर पर एडीजीपी कानून एवं व्यवस्था एस.एस. परमार, एडीजीपी इंटरनल विजिलेंस नोनिहाल सिंह, आईजी प्रोविजनिंग एस. भूपति, डीआईजी जालंधर रेंज नवीन सिंगला, डीआईजी रोपड़ रेंज नानक सिंह, डिप्टी कमिश्नर रूपनगर वरजीत वालिया, एसएसपी रूपनगर गुलनीत खुराना और डीजीपी पंजाब के स्टाफ अधिकारी दरपन आहलूवालिया सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

 

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