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Bihar Elections 2025: 39 सीटों पर नामांकन जांच में झटका, कई नेताओं की सांस अटकी — अतिरिक्त सेट ने बचाई उम्मीदवारी

पटना— बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में नामांकन पत्रों की जांच के बाद कई बड़े नेताओं के माथे पर पसीना आ गया। राज्य की 39 विधानसभा सीटों पर प्रमुख राजनीतिक दलों — भाजपा, जदयू, राजद, कांग्रेस, लेफ्ट, वीआईपी और लोजपा (रामविलास) — के कई उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों के एक या दो सेट रद्द कर दिए गए। हालांकि जिन्होंने एक से अधिक सेट में नामांकन किया था, वे अपनी उम्मीदवारी बचाने में सफल रहे।

अगर उम्मीदवारों ने यह सावधानी नहीं बरती होती, तो इन सीटों पर चुनावी समीकरण पूरी तरह बदल सकता था।

 39 सीटों पर नामांकन रद्द, लेकिन अधिकांश उम्मीदवार बचे

मुख्य निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, 39 सीटों पर विभिन्न दलों के उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों के एक या दो सेट रद्द किए गए।
अगर इनमें से किसी ने केवल एक ही सेट भरा होता, तो लगभग 35 सीटों पर मुकाबले की तस्वीर पूरी तरह बदल जाती।

राजद के सबसे अधिक 9 उम्मीदवारों के नामांकन सेट रद्द हुए।

भाजपा, जदयू और कांग्रेस — प्रत्येक के 6-6 उम्मीदवारों को झटका लगा।

माले (CPI-ML) के 7, सीपीआई के 1 और लोजपा (रामविलास) के 3 उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों के सेट भी रद्द किए गए।

 जिनके सभी सेट रद्द हुए, उनका चुनाव खत्म

हालांकि कई उम्मीदवारों ने अतिरिक्त सेट भरकर अपनी उम्मीदवारी बचा ली, लेकिन कुछ नेताओं के सभी नामांकन सेट खारिज हो गए, जिससे वे सीधे चुनावी दौड़ से बाहर हो गए।
राजद के मोहनिया और सुगौली से उम्मीदवारों के सभी फॉर्म रद्द हो गए।
इसी तरह वीआईपी और लोजपा (रामविलास) के एक-एक उम्मीदवार भी मैदान से बाहर हो गए हैं।

बीजेपी के लिए “सेफ्टी सेट” बना जीवनदान

भाजपा के लिए भी नामांकन जांच का दौर चुनौतीपूर्ण रहा।
बैकुंठपुर, छपरा, अरवल, औरंगाबाद, भभुआ और वारसलीगंज सीटों पर पार्टी उम्मीदवारों के एक या दो नामांकन सेट रद्द हुए।
अगर उन्होंने अतिरिक्त सेट दाखिल न किए होते, तो पार्टी को इन सीटों पर उम्मीदवार बदलने की नौबत आ सकती थी।

 जदयू भी बची मुश्किल से

जदयू के अमौर, अररिया, धोरैया, जोकीहाट, बरौली और बिहारीगंज सीटों पर एक या दो नामांकन सेट रद्द हुए।
सौभाग्य से, उम्मीदवारों ने वैकल्पिक सेट जमा किए हुए थे, जिससे उनकी उम्मीदवारी कायम रही।

 राजद को सबसे बड़ा झटका

राजद को इस चरण में सबसे ज़्यादा नुकसान हुआ।
पार्टी के नौ उम्मीदवारों के नामांकन के एक या दो सेट रद्द हुए हैं —
अलौली, आलमनगर, सरायरंजन, बाराचट्टी, छातापुर, हरसिद्धि, कुरथा और गायघाट जैसी सीटों पर पार्टी को झटका लगा।
वहीं, मोहनिया और सुगौली में उम्मीदवार पूरी तरह बाहर हो गए, जिससे राजद को अब इन सीटों पर नए समीकरण या गठबंधन समायोजन पर विचार करना पड़ सकता है।

 लेफ्ट पार्टियों के लिए भी परेशानी

माले और सीपीआई के उम्मीदवारों के नामांकन सेट भी जांच की जद में आए।
भोरे, दरौली, दरौंदा, पालीगंज, अरवल, घोसी और काराकाट में माले उम्मीदवारों के नामांकन सेट रद्द हुए, जबकि रोसड़ा में सीपीआई उम्मीदवार का एक सेट रिजेक्ट हुआ।

 कांग्रेस भी नहीं बची

कांग्रेस को भी नामांकन जांच में झटका लगा।
बरबीघा, बगहा, गोविंदगंज, रामनगर, बछवाड़ा और जाले सीटों पर पार्टी उम्मीदवारों के एक या दो नामांकन सेट रद्द हुए।
विशेष रूप से बछवाड़ा में कांग्रेस उम्मीदवार के तीन फॉर्म रिजेक्ट हो गए, लेकिन चौथा सेट सही रहने से उम्मीदवारी बच गई।

 नामांकन अब औपचारिकता नहीं, रणनीति का हिस्सा

चुनाव विश्लेषकों का कहना है कि अब नामांकन सिर्फ औपचारिकता नहीं, बल्कि रणनीति का अहम हिस्सा बन गया है।
उम्मीदवार तकनीकी या दस्तावेज़ी त्रुटियों से बचने के लिए एक से अधिक सेट भरते हैं ताकि किसी गलती से उनकी उम्मीदवारी समाप्त न हो।

इस बार जिन उम्मीदवारों ने यह सतर्कता बरती, वे मैदान में बने रहे, जबकि जिनके पास “सेफ्टी सेट” नहीं था, उनका चुनाव खत्म हो गया।

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