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Delhi Blast Latest Updates : लाल किला ब्लास्ट का फरीदाबाद कनेक्शन, डॉक्टरों वाला टेरर मॉड्यूल आया रडार पर

नई दिल्ली:दिल्ली में लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास रविवार शाम हुए भीषण कार ब्लास्ट की जांच अब फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल की ओर बढ़ रही है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को जांच के दौरान कई ऐसे सुराग मिले हैं, जो बताते हैं कि इस हमले के तार हाल ही में जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा उजागर किए गए मॉड्यूल से जुड़े हैं।

 जांच में आया बड़ा सुराग

दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के सूत्रों के अनुसार, प्रारंभिक जांच में संकेत मिले हैं कि लाल किला ब्लास्ट में इस्तेमाल कार और फरीदाबाद में पकड़े गए डॉक्टर-आधारित आतंकी नेटवर्क के बीच सीधा संबंध है। यह नेटवर्क जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और अंसार गजवात-उल-हिंद (AGuH) जैसे प्रतिबंधित संगठनों के इशारे पर काम कर रहा था।

 डॉक्टरों से बना ‘डेडली मॉड्यूल’

फरीदाबाद में पकड़े गए टेरर मॉड्यूल में दो पुरुष डॉक्टर और एक महिला डॉक्टर शामिल थे — ये सभी उच्च शिक्षित और मेडिकल पेशे से जुड़े थे, लेकिन आतंक के मिशन पर काम कर रहे थे।

 डॉ. मुझम्मिल अहमद गनई (फरीदाबाद)

अल-फलाह यूनिवर्सिटी में कार्यरत डॉ. मुझम्मिल को फरीदाबाद पुलिस ने गिरफ्तार किया। उसके पास से बड़ी मात्रा में विस्फोटक और रसायन बरामद हुए, जिनसे बम बनाए जा सकते थे।

 डॉ. आदिल अहमद राथर (पुलवामा)

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उसे अनंतनाग से गिरफ्तार किया। वह अनंतनाग मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर था और उसके पास से AK-47 राइफल मिली थी। राथर के जैश और AGuH से संपर्क की पुष्टि हुई है।

डॉ. शाहीन शाहिद (लखनऊ)

लखनऊ की रहने वाली और फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी में कार्यरत डॉक्टर शाहीन शाहिद की कार से असॉल्ट राइफल बरामद हुई। उसे 7 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था।

 लाल किला ब्लास्ट में मोहम्मद उमर की तलाश

इसी मॉड्यूल से जुड़े पुलवामा निवासी डॉ. मोहम्मद उमर की तलाश अब भी जारी है। ब्लास्ट में जिस हुंडई i20 कार का इस्तेमाल हुआ, वह उमर के नाम पर रजिस्टर्ड थी और प्राथमिक जांच में यह बात सामने आई है कि ब्लास्ट के समय वह कार के अंदर मौजूद था।

 2,900 किलो विस्फोटक की बरामदगी

फरीदाबाद में हाल ही में हुए छापों में पुलिस ने करीब 2,900 किलो विस्फोटक, हथियारों का जखीरा और कई आपत्तिजनक वस्तुएं बरामद की हैं। इस मामले में अब तक सात आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। माना जा रहा है कि यह नेटवर्क न केवल दिल्ली बल्कि उत्तर भारत के अन्य बड़े शहरों में भी आतंकी साजिश रचने की तैयारी में था।

 एजेंसियों की चिंता बढ़ी

लगातार मिल रहे सुराग इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि भारत में अब आतंक का नया चेहरा उभर रहा है —
“एजुकेटेड टेररिज्म”
जहां डॉक्टर जैसे पेशेवर अपने ज्ञान का इस्तेमाल जान बचाने के बजाय, जान लेने के हथियार बनाने में कर रहे हैं।

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