Assam Controversy: कांग्रेस बैठक में ‘अमर सोनार बांगला’ गाने पर बवाल, BJP ने साधा निशाना – पुलिस जांच के आदेश
गुवाहाटी: असम के करीमगंज जिले में कांग्रेस की एक बैठक के दौरान कथित रूप से बांग्लादेश का राष्ट्रगान “अमर सोनार बांगला” गाए जाने को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। इस घटना पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए इसे “वोट बैंक की राजनीति” बताया है। वहीं, कांग्रेस ने सफाई देते हुए कहा है कि यह गीत बंगाली संस्कृति का प्रतीक है, जिसका किसी राजनीतिक एजेंडे से कोई लेना-देना नहीं है।
BJP का हमला: “कांग्रेस कर रही है ग्रेटर बांग्लादेश की राजनीति”
बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि पार्टी “तुष्टिकरण की राजनीति” में लिप्त है।
उन्होंने कहा —
“कांग्रेस अब खुले तौर पर बांग्लादेशी घुसपैठियों का समर्थन कर रही है। जब बांग्लादेश भारत को बांटने की बात कर रहा है, तब कांग्रेस उसी देश का राष्ट्रगान गा रही है।”
पूनावाला ने आगे कहा कि कांग्रेस और विपक्ष की यह एक सोची-समझी रणनीति है, जो देश की एकता और संविधान के खिलाफ है।
उन्होंने कांग्रेस नेताओं सैम पित्रोदा और प्रियंक खड़गे के पुराने विवादित बयानों का भी जिक्र किया, और कहा कि पार्टी असम के सम्मान को ठेस पहुंचा रही है।
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का बयान — FIR के निर्देश
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस घटना को “भारतवासियों का अपमान” बताया और पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया है।
उन्होंने कहा —
“करीमगंज में जिला कांग्रेस समिति ने भारत के राष्ट्रगान की जगह बांग्लादेश का राष्ट्रगान गाया। यह कदम उन तत्वों के समर्थन में है जो पूर्वोत्तर भारत को बांग्लादेश का हिस्सा बताने की बात करते हैं।”
सरमा ने कहा कि इस घटना की गंभीरता से जांच की जाएगी, ताकि पता लगाया जा सके कि यह सांस्कृतिक भूल थी या जानबूझकर किया गया राजनीतिक कदम।
कांग्रेस की सफाई — “यह राजनीतिक नहीं, सांस्कृतिक गीत है”
विवाद बढ़ने के बाद कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने सफाई देते हुए कहा कि “अमर सोनार बांगला” को राजनीति से जोड़ना गलत है।
उन्होंने कहा —
“यह गीत रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा लिखा गया था, जो बंगाली संस्कृति, साहित्य और भावनाओं का हिस्सा है। कांग्रेस इस गीत को किसी देश या विचारधारा के प्रतीक के रूप में नहीं देखती।”
गोगोई ने कहा कि कार्यक्रम में मौजूद लोगों का उद्देश्य सांस्कृतिक एकता और सम्मान का प्रदर्शन करना था, न कि किसी देश का समर्थन करना।
टीएमसी की प्रतिक्रिया — “टैगोर का गीत, राजनीति से ऊपर”
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा —
“’अमर सोनार बांगला’ रवींद्रनाथ टैगोर ने 1905 में बंगाल विभाजन के विरोध में लिखा था। यह बंगालियों की अस्मिता और भावना का गीत है।”
उन्होंने कहा कि इसके शुरुआती दस पंक्तियों को 1971 में बांग्लादेश के राष्ट्रगान के रूप में अपनाया गया, लेकिन इसका मूल स्वरूप भारतीय सांस्कृतिक इतिहास से जुड़ा है।
क्या है “अमर सोनार बांगला”?
रचना: रवींद्रनाथ टैगोर (1905)
पृष्ठभूमि: बंगाल विभाजन के विरोध में लिखा गया गीत
भावार्थ: “मेरे स्वर्णिम बंगाल, मैं तुमसे प्रेम करता हूं”
1971 में स्वतंत्र बांग्लादेश ने इसकी शुरुआती 10 पंक्तियों को राष्ट्रगान के रूप में अपनाया
राजनीतिक बहस जारी
यह मामला अब असम की राजनीति का गर्म मुद्दा बन चुका है।
बीजेपी इसे राष्ट्रभक्ति बनाम तुष्टिकरण की लड़ाई बता रही है,
जबकि कांग्रेस इसे “संस्कृति की गलत व्याख्या” करार दे रही है।
पुलिस जांच के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि यह सांस्कृतिक भूल थी या राजनीतिक विवाद का नया मोर्चा।
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