RBI Repo Rate Cut: रेपो रेट में 50 आधार अंकों की बड़ी कटौती... सस्ता होगा लोन – जानिए कितना घटेगी EMI
नई दिल्ली: कर्ज लेने की योजना बना रहे लोगों के लिए बड़ी राहत की खबर है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आज मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में रेपो रेट में 50 आधार अंकों (0.50%) की कटौती का ऐलान किया है। अब रेपो रेट 6% से घटकर 5.50% हो गया है। यह पिछले दो समीक्षाओं में की गई 25-25 आधार अंकों की कटौती के बाद तीसरी और सबसे बड़ी कटौती है।
इस घोषणा के बाद होम लोन ऑटो लोन और अन्य ऋण की दरों में गिरावट की उम्मीद है। साथ ही ग्राहकों की EMI में भी उल्लेखनीय कमी आएगी।
सीधा असर ग्राहकों पर – EMI होगी सस्ती
RBI के इस फैसले से बैंकिंग सेक्टर को ऋण देने की लागत में राहत मिलेगी जिसे बैंक उपभोक्ताओं तक ट्रांसफर करेंगे। अगर बैंक यह पूरी कटौती ग्राहकों को पास ऑन करते हैं तो होम लोन की ब्याज दरें फिर से 7.5% से नीचे आ सकती हैं। वर्तमान में अधिकांश बैंकों की दरें 8% के आसपास हैं।
विशेषज्ञों के मुताबिक 30 लाख रुपये के होम लोन की 20 साल की अवधि पर करीब 2000 रुपये प्रति माह की EMI में राहत मिल सकती है।
CRR में भी 100 आधार अंकों की कटौती
रेपो रेट के अलावा कैश रिज़र्व रेश्यो (CRR) में भी 100 आधार अंकों की कटौती की गई है। अब यह दर 4% से घटाकर 3% कर दी गई है। CRR वह अनिवार्य राशि होती है जो बैंकों को नकद में आरक्षित रखनी होती है। इस कटौती से बैंकों के पास लोन देने के लिए अधिक राशि उपलब्ध होगी जिससे बाजार में लिक्विडिटी बढ़ेगी।
SDF और बैंक रेट में भी बदलाव
SDF (Standing Deposit Facility): अब 5.25%
Bank Rate: घटाकर 5.75%
यह बदलाव बैंकों को आरबीआई से सस्ता कर्ज लेने में मदद करेंगे।
मुद्रास्फीति और जीडीपी पर RBI का रुख
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि महंगाई दर 4% के नीचे बनी हुई है और विकास दर स्थिर है। उन्होंने बताया कि इस साल मुद्रास्फीति 3.7% रहने का अनुमान है और जीडीपी ग्रोथ 6.5% पर स्थिर है।
नीति रुख में बदलाव – अब Neutral
रिज़र्व बैंक ने अब अपनी मौद्रिक नीति का रुख बदलकर ‘Neutral’ कर दिया है जो दर्शाता है कि RBI फिलहाल संतुलित रवैया अपनाएगा – न तो ज्यादा सख्ती न ही अधिक ढील।
क्यों लिया गया यह बड़ा फैसला?
महंगाई नियंत्रण में आने वैश्विक मंदी और घरेलू मांग को प्रोत्साहित करने के लिए रेपो रेट में बड़ी कटौती की गई है। इससे उपभोग और निवेश को बढ़ावा मिलेगा जिससे अर्थव्यवस्था को गति मिल सकती है।

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