PM Modi's 75th Birthday:जानिए उन 5 शख्सियत के बारें में जिन्होंने एक चाय वाले के बेटे को बनाया PM नरेंद्र मोदी
नई दिल्ली,: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 75 वर्ष के हो गए। उनका यह जन्मदिन केवल उत्सव का अवसर नहीं है, बल्कि उस अद्भुत सफर को याद करने का भी दिन है, जिसमें एक साधारण चाय बेचने वाला बच्चा दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का प्रधानमंत्री बना। उनके जीवन में कई ऐसे लोग और विचारधाराएँ रहीं, जिन्होंने उनके व्यक्तित्व को गढ़ा और उन्हें नरेंद्र मोदी बनाया।
मां हीराबेन से मिले संस्कार और संघर्ष की शक्ति
नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व पर उनकी मां हीराबेन मोदी का गहरा प्रभाव रहा। हीराबेन ने सादगी, त्याग और अनुशासन से भरे जीवन मूल्यों को अपने बेटे के भीतर उतारा। मोदी ने उनसे कठिनाइयों का सामना धैर्य और ईमानदारी से करना सीखा। वे अक्सर कहते हैं कि उनकी मां ने अपनी तकलीफों को कभी जताया नहीं, बल्कि बच्चों के लिए हमेशा सुख की व्यवस्था करना चाहा।
लक्ष्मणराव इनामदार: संगठनात्मक क्षमता को पहचानने वाले
आरएसएस की शाखाओं में जाने के दौरान मोदी की मुलाकात संघ के वरिष्ठ प्रचारक लक्ष्मणराव इनामदार से हुई। इमानदार ने उन्हें मार्गदर्शन दिया और उनकी संगठनात्मक व नेतृत्व क्षमता को निखारा। उन्होंने मोदी को राष्ट्रवाद, अनुशासन और रणनीति की शिक्षा दी, जिसने उन्हें भविष्य का कुशल रणनीतिकार और प्रभावी वक्ता बना दिया।
स्वामी विवेकानंद से मिली आत्मनिर्भरता और राष्ट्रवाद की प्रेरणा
मोदी कई बार यह स्वीकार कर चुके हैं कि उनके जीवन पर स्वामी विवेकानंद का गहरा प्रभाव पड़ा। युवावस्था में वे बेलूर मठ तक गए और संन्यास लेने का विचार भी किया। स्वामी विवेकानंद से उन्होंने आत्मनिर्भरता, आध्यात्मिकता और राष्ट्रवाद के मूल्य आत्मसात किए। आज भी वे अपने भाषणों में स्वामी जी की शिक्षाओं का उल्लेख करते हैं।
स्वामीनारायण परंपरा से सेवा और त्याग की सीख
गुजरात की स्वामीनारायण परंपरा ने भी नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व पर असर डाला। साधु-संतों के सान्निध्य में उन्होंने त्याग और सेवा को जीवन का ध्येय माना। यह सेवा भावना आगे चलकर उनके राजनीतिक जीवन और निर्णयों में भी स्पष्ट रूप से दिखाई दी।
अटल बिहारी वाजपेयी: राजनीति के आदर्श
मोदी मानते हैं कि राजनीति में उनके आदर्श अटल बिहारी वाजपेयी रहे। वाजपेयी की वाकपटुता, संवाद कला और मानवीय दृष्टिकोण ने मोदी को गहराई से प्रभावित किया। नरेंद्र मोदी अक्सर कहते हैं कि राजनीति का मानवीय चेहरा उन्होंने वाजपेयी जी से ही देखा और संवाद की कला में दक्षता पाई।

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