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डॉ. बलजीत कौर के हस्तक्षेप से नाबालिग लड़की का जबरन विवाह रोका गया, शहीद भगत सिंह नगर की टीम ने की कारवाही

चंडीगढ़: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार राज्य को बाल विवाह मुक्त बनाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उस समय उठाया गया जब सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर के तत्काल हस्तक्षेप से शहीद भगत सिंह नगर में 15 वर्षीय नाबालिग लड़की का विवाह रुकवा दिया गया।

इस संबंधी ओर जानकारी देते हुए बताया कि यह मामला तब सामने आया जब नाबालिग लड़की ने साहस दिखाते हुए 112 हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके अपनी सुरक्षा की गुहार लगाई। मामले की गंभीरता को देखते हुए डी.एस.पी. (बच्चों और महिलाओं के विरुद्ध अपराध) ने तुरंत कार्रवाई करते हुए इस मामले को जिला बाल सुरक्षा इकाई के ध्यान में लाया।

डॉ बलजीत कौर ने बताया कि मामले की जांच के दौरान पता चला कि लड़की के माता-पिता उसकी पढ़ाई में रुचि न होने और सामाजिक दबाव के चलते 15 वर्ष की उम्र में विवाह करना चाहते थे। उन्होंने कहा कि सामाजिक दबाव और परिवारिक मान सम्मान के कारण वह इस कदम की तरफ बढ़ रहे थे।
डॉ बलजीत कौर ने बताया कि  जिला बाल सुरक्षा अधिकारी, बाल विकास परियोजना अधिकारी, एस.एच.ओ. और सब-डिवीजनल मजिस्ट्रेट की संयुक्त टीम ने तुरंत हस्तक्षेप करते हुए विवाह को रुकवा दिया।

इस दौरान दोनों परिवारों को यह स्पष्ट रूप से समझाया गया कि बाल विवाह एक गंभीर अपराध है। पंचायत के सरपंच की उपस्थिति में दोनों परिवारों द्वारा लिखित सहमति दी गई कि वे यह विवाह रद्द कर रहे हैं।

डॉ. बलजीत कौर ने टीम की त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा कि यह मामला बच्चों की सुरक्षा के प्रति पंजाब सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का स्पष्ट उदाहरण है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार राज्य की प्रत्येक बेटी के लिए एक सुरक्षित और सशक्त वातावरण बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है।

उन्होंने बताया कि लड़की को बाल कल्याण कमेटी के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जिसने विवाह के दोबारा होने की आशंका को देखते हुए लड़की को तत्काल जालंधर के बाल गृह भेजने के आदेश दिए। डॉ. बलजीत कौर ने आगे बताया कि बाद में लड़की की उसके परिवार में वापसी करवा दी गई, लेकिन उसकी औपचारिक पढ़ाई में रुचि न होने के कारण उसे कौशल विकास प्रशिक्षण के लिए दाखिला दिलवाया गया है।

डॉ. बलजीत कौर ने सामाजिक सेवा संस्थाओं, गांवों के सरपंचों/पंचों और आम जनता से अपील की कि वे ऐसे बाल विवाह की सूचना तुरंत चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर दें, ताकि राज्य को बाल विवाह मुक्त बनाया जा सके। उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि सूचना देने वाले व्यक्ति की पहचान गुप्त रखी जाएगी।

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