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मुख्य सचिव द्वारा डिप्टी कमिश्नरों और नगर निगम कमिश्नरों को आगामी जनगणना हेतु सुचारू तैयारियाँ सुनिश्चित करने के निर्देश

चंडीगढ़ : राज्य में आगामी जनगणना से संबंधित कार्यों की समीक्षा और तैयारियों को सुचारू बनाने के उद्देश्य से पंजाब की राज्य स्तरीय जनगणना समन्वय समिति (एस.एल.सी.सी.सी. ) की पहली बैठक आज मुख्य सचिव पंजाब के.ए.पी. सिन्हा की अध्यक्षता में पंजाब सिविल सचिवालय, चंडीगढ़ में बुलाई गई।

बैठक में स्थानीय निकाय, राजस्व, ग्रामीण विकास और पंचायत, योजना, वित्त और स्कूल शिक्षा विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिवों और प्रमुख सचिवों सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। इसके अलावा डिप्टी कमिश्नर और नगर निगम कमिश्नर भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस विचार-विमर्श में शामिल हुए।

बैठक के दौरान, स्थानीय निकाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (ए.सी.एस) को पंजाब में जनगणना संबंधी गतिविधियों के लिए नोडल अधिकारी नामित किया गया। पहली बैठक का आयोजन जनगणना संचालन, पंजाब के निदेशक डॉ. नवजोत खोसा द्वारा किया गया, जिन्होंने जनगणना प्रक्रिया, इसके कानूनी ढाँचे, जनगणना कैलेंडर और मौजूदा तैयारियों पर विस्तृत प्रस्तुति दी।

इस बैठक के मुख्य एजेंडे में नुकतों में सर्कुलर नंबर 1, 2 और 3, ग्रामीण-शहरी वर्गीकरण संबंधी मानदंड, विकास और शहरी समूहिकरण की अवधारणा, नक्शों से संबंधित मुद्दे और चयनित जिलों जालंधर, अमृतसर और मालेरकोटला में डिजिटल जनगणना 2027 के आगामी प्री-टेस्ट पर चर्चा शामिल थी।

बैठक को संबोधित करते हुए मुख्य सचिव श्री के.ए.पी. सिन्हा ने जनगणना से संबंधित कार्यों को सुचारू रूप से संपन्न करने के लिए सभी डिप्टी कमिश्नरों और नगर निगम कमिश्नरों के पूर्ण सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने डिप्टी कमिश्नरों को अधिकार क्षेत्र संबंधी रूपरेखा को अंतिम रूप देने और प्रभावी निगरानी हेतु जिला एवं निगम स्तर पर समर्पित जनगणना सेल स्थापित करने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने निदेशालय जनगणना द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करने के निर्देश देते हुए कहा कि 31 दिसंबर, 2025 तक प्रशासनिक सीमाओं को अंतिम रूप दिया जाना चाहिए। अमृतसर और मालेरकोटला के डिप्टी कमिश्नरों तथा नगर निगम कमिश्नर, जालंधर को डिजिटल जनगणना संबंधी आगामी प्री-टेस्ट गतिविधियों के लिए आवश्यक प्रबंध करने हेतु विशेष निर्देश जारी किए गए।

इस विचार-विमर्श के दौरान पंजाब में जनगणना को सफलतापूर्वक संपन्न करने के लिए समग्र समन्वय और सटीक योजना की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया गया। सभी भागीदारों से अपील की गई कि वे सौंपी गई जिम्मेदारियों को प्राथमिकता दें और जनगणना कैलेंडर के अनुसार तैयारी संबंधी सभी गतिविधियों को समय पर पूरा करना सुनिश्चित करें।

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