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बरिन्दर कुमार गोयल द्वारा अधिकारियों को जन शिकायतों के तुरंत निपटारे और ग़ैर-कानूनी माइनिंग रोकने के लिए 24 घंटे सक्रिय रहने के निर्देश

चंडीगढ़: पंजाब के खनन और भू-विज्ञान मंत्री बरिन्दर कुमार गोयल ने आज राज्य पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन अथॉरिटी (एस.ई.आई.ए.ए) के अधिकारियों को कहा कि वह राज्य सरकार की नयी माइनिंग नीति के अंतर्गत माइनिंग क्षेत्र के लिए सुगम की गई प्रक्रिया के मुताबिक पर्यावरण मंजूरी देने का अमल तेज़ करें।

कैबिनेट मंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि ज़मीन मालिक अब पर्यावरण सम्बन्धी मंजूरियों के लिए सीधे एस.ई.आई.ए.ए को आवेदन दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया के अधीन यह आवश्यक है कि कम से कम समय में सभी आवेदनों को प्राथमिकता के आधार पर विचार करना यकीनी बनाया जाये।

कैबिनेट मंत्री बरिन्दर कुमार गोयल मैगसीपा में एक अहम वर्कशॉप की अध्यक्षता कर रहे थे, जिसमें पर्यावरण सम्बन्धी मंज़ूरियां प्राप्त करने में विभाग द्वारा पेश अलग-अलग प्रक्रियात्मक रुकावटों के बारे व्यापक विचार-विमर्श किया गया। इस दौरान एस.ई.आई.ए.ए मैंबरों को पर्यावरण सम्बन्धी मंजूरी प्राप्त करने की प्रक्रिया में रुकावट डालने वाले अलग-अलग महत्वपूर्ण मुद्दों के बारे जानकारी दी गई। अथॉरिटी ने इन मुद्दों को गंभीरता से लेते हुये मंज़ूरी प्रक्रिया को सुचारू बनाने में पूरे सहयोग और इसके जल्द समाधान का भरोसा दिया।

वर्कशॉप में मुख्य भाईवालों ने हिस्सा लिया, जिनमें अतिरिक्त मुख्य सचिव खनन और भू-विज्ञान जसप्रीत तलवार, डायरैक्टर अभिजीत कपलिश सहित ज़िला माइनिंग अधिकारी, राज्य पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन अथॉरिटी (एस.ई.आई.ए.ए), पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड, कॉर्डिनेटर सैंटर आफ एक्सीलेंस आई.आई.टी रोपड़ और अन्य सम्बन्धित अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इस दौरान पर्यावरण क्लीयरेंस और ज़िला सर्वेक्षण रिपोर्टों से सम्बन्धित महत्वपूर्ण मुद्दों को समाधान करने के बारे विचार-विमर्श किया गया। इस मौके पर कार्य-कुशलता को बढ़ाने के लिए कई व्यावहारिक समाधानों की पहचान की गई। एस.ई.आई.ए.ए मैंबरों ने वर्कशॉप के दौरान उठाए गए सभी मुद्दों को बारीकी के साथ नोट किया और आवेदनों की निर्विघ्न प्रक्रिया को यकीनी बनाने के लिए जल्द से जल्द सुधारात्मक उपाय लागू करने का भरोसा दिया।

ग़ैर-कानूनी माइनिंग गतिविधियों के विरुद्ध 24 घंटे चौकसी यकीनी बनाने के सख़्त निर्देश देते हुये बरिन्दर कुमार गोयल ने सभी ज़िला माइनिंग अधिकारियों और क्षेत्रीय अधिकारियों को सचेत किया कि वे ग़ैर-कानूनी माइनिंग गतिविधियों के विरुद्ध तुरंत कार्यवाही अमल में लाएं। उन्होंने कहा कि जन शिकायतों के 24 घंटे निपटारे को यकीनी बनाने के लिए सभी अधिकारियों के मोबाइल फ़ोन दिन-रात चलते रहने चाहिएं।

ड्यूटी में कोताही के लिए राज्य सरकार की ज़ीरो सहनशीलता की नीति संबंधी दोहराते हुये कैबिनेट मंत्री ने कहा कि यदि किसी भी अधिकारी का मोबाइल फ़ोन बंद पाया गया तो उस पर सख़्त अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि ग़ैर-कानूनी माइनिंग के विरुद्ध लड़ाई के लिए निरंतर चौकसी की ज़रूरत है और इस उद्देश्य के लिए जन शिकायतों का समय पर निपटारा करना ज़रूरी है।

कैबिनेट मंत्री ने निर्देश दिए कि माइनिंग सैक्टर में पारदर्शी और जवाबदेह शासन को यकीनी बनाते हुये सभी जन शिकायतों का बिना किसी देरी के स्थापित नियमों के अनुसार तुरंत समाधान किया जाये।

इस मौके पर चीफ़ इंजीनियर (ड्रेनेज और माइनिंग) स. हरदीप सिंह महिन्दीरत्ता और अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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