Kathmandu Curfew: सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ भड़के युवाओं पर कर्फ्यू, काठमांडू में हालात बेकाबू
काठमांडू। नेपाल की राजधानी काठमांडू में सोमवार को हालात अचानक बिगड़ गए, जब हजारों की संख्या में युवा सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प के बाद प्रशासन ने हालात संभालने के लिए धारा 144 लागू कर कर्फ्यू का आदेश जारी किया।
काठमांडू के मुख्य जिला अधिकारी (CDO) छबिलाल रिजाल ने स्थानीय प्रशासन अधिनियम की धारा 6 के तहत यह आदेश जारी किया। कर्फ्यू सोमवार दोपहर 12:30 बजे से रात 10 बजे तक प्रभावी रहेगा।
किन इलाकों में लागू हुआ कर्फ्यू
कर्फ्यू का दायरा राजधानी के न्यू बानेश्वर इलाके और उसके आसपास तय किया गया है। इसमें शामिल हैं:
न्यू बानेश्वर चौक से पश्चिम की ओर एवरेस्ट होटल और बिजुलीबाजार आर्च ब्रिज तक।
न्यू बानेश्वर चौक से पूर्व की ओर मिन भवन और शांतिनगर होते हुए टिंकुने चौक तक।
न्यू बानेश्वर चौक से उत्तर की ओर आईप्लेक्स मॉल से रत्न राज्य सेकेंडरी स्कूल तक।
दक्षिण की ओर शंखमूल से शंखमूल ब्रिज तक।
इन इलाकों में आवागमन, सभा, प्रदर्शन और घेराव पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिए गए हैं।
कैसे भड़की झड़प
सुबह से ही हजारों युवाओं ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए बैरिकेड्स तोड़ दिए। पुलिस ने भीड़ को काबू करने के लिए वॉटर कैनन और आंसू गैस का इस्तेमाल किया। प्रदर्शनकारियों ने भी पुलिस पर बोतलें और टहनियां फेंकी। कुछ प्रदर्शनकारी तो संसद भवन परिसर तक पहुँच गए।
किस फैसले पर विरोध?
नेपाल की केपी शर्मा ओली सरकार ने हाल ही में 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बैन लगाने का फैसला लिया है। इसमें Facebook, Instagram, WhatsApp, YouTube और Snapchat जैसे लोकप्रिय प्लेटफॉर्म शामिल हैं।
सरकार का कहना है कि जिन कंपनियों ने नेपाल में पंजीकरण नहीं कराया, उन पर बैन लगाया गया है।
केवल वे प्लेटफॉर्म चालू रहेंगे जिन्होंने पंजीकरण कराया है, जैसे TikTok, Viber, Witk, Nimbuzz और Popo Live।
टेलीग्राम और ग्लोबल डायरी ने पंजीकरण के लिए आवेदन किया है, उनकी प्रक्रिया जारी है।
इस फैसले से लाखों नेपाली प्रभावित होंगे, खासकर वे परिवार जो विदेश में रहकर रोजमर्रा के लिए सोशल मीडिया का उपयोग करते हैं।
पत्रकार महासंघ और विपक्ष का विरोध
नेपाल पत्रकार महासंघ (FNJ) ने सरकार के इस कदम को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और प्रेस की आजादी पर हमला बताया। महासंघ के महासचिव राम प्रसाद दहाल ने कहा कि यह संविधान द्वारा गारंटीकृत सूचना के अधिकार का उल्लंघन है।
नेपाल में सोशल मीडिया पर सरकार की सख्ती
यह पहली बार नहीं है जब नेपाल सरकार ने सोशल मीडिया पर रोक लगाई है। नवंबर 2023 में पुष्प कमल दहाल सरकार ने TikTok पर बैन लगाया था, जो अगस्त 2024 में पंजीकरण के बाद हटाया गया। अब, ओली सरकार का यह नया फैसला एक बार फिर विवाद का कारण बन गया है।

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